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Friday 20 September 2013

नवरुणा कांड: एक साल का इंतज़ार और 'जाँच पर आँच' (बीबीसी की विशेष रिपोर्ट )


माँ को एक साल से बेटी का इंतज़ार है

 शुक्रवार, 20 सितंबर, 2013 को 18:33 IST
 बिहार के मुज़फ़्फ़रपुर की रहने वाली नवरुणा एक साल पहले अपने घर से ग़ायब हो गई थी. उसका अभी तक कोई अता-पता नहीं चल पाया है. सुनिए बीबीसी सवाददाता पंकज प्रियदर्शी की विशेष रिपोर्ट.

http://www.bbc.co.uk/hindi/india/2013/09/130920_navruna_report_pp.shtml

नवरुणा कांड: एक साल का इंतज़ार और 'जाँच पर आँच'

 गुरुवार, 19 सितंबर, 2013 को 16:56 IST तक के समाचार
नवरुणा
एक साल हो गए नवरुणा को ग़ायब हुए
इंतज़ार, इंतज़ार और बस इंतज़ार. एक साल से माता-पिता की आँखें अपनी बिटिया को देखने का सपना लिए पथरा सी गई हैं. जैसे ही घर का दरवाज़ा खटकता है, लगता है कोई उनके लिए शुभ समाचार लेकर आया है. लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगती है.
एक साल हो गए हैं उनकी बेटी क्लिक करेंनवरुणा को घर से लापता हुए. मुजफ़्फ़रपुर के रहने वाले अतुल्य चक्रवर्ती और मोइत्री चक्रवर्ती की बेटी क्लिक करेंनवरुणा पिछले साल 18 सितंबर की मध्य रात्रि से अपने घर से ग़ायब है. अतुल्य चक्रवर्ती का आरोप है कि उनकी बेटी का अपहरण किया गया है.
एक साल से पुलिस, प्रशासन और नेताओं के घर के चक्कर लगा-लगाकर दोनों पति-पत्नी परेशान हैं, लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला. मुज़फ़्फ़रपुर पुलिस के बाद मामला क्लिक करेंबिहार पुलिस की अपराध अनुसंधान शाखा (सीआईडी) को सौंपा गया. लेकिन सीआईडी अधिकारियों के हाथ भी कुछ नहीं आया.
नवरुणा के परिजनों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, गृह मंत्रालय, प्रधानमंत्री कार्यालय और फिर सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया. लेकिन अभी तक उनकी बेटी का कुछ पता नहीं चल पाया है.
प्रधानमंत्री कार्यालय की पहल पर ये मामला सीबीआई को सौंपने की तैयारी चल रही है. बिहार पुलिस ने भी ये अनुरोध भेज दिया है. लेकिन फ़ाइल पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के दस्तख़त होने अभी बाक़ी हैं.

'कोई नहीं समझता दुख'

"एक साल भगवान भरोसे गुज़रा है. मैं दिल का मरीज़ हूँ और मुझे नहीं पता कि मैं कैसे अभी तक ज़िंदा हूँ. मुझे तो लगता है कि कोई ईश्वरीय शक्ति है, जो मुझे इतने समय तक ज़िंदा रखे हुए हैं. पुलिस तंत्र काम नहीं कर रहा है, हम लोगों का दुख समझने वाला कोई नहीं है"
अतुल्य चक्रवर्ती, नवरुणा के पिता
ये एक साल उन माता-पिता के लिए कैसे कटे होंगे. बीबीसी से बातचीत में नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती कहते हैं, "एक साल भगवान भरोसे गुज़रा है. मैं दिल का मरीज़ हूँ और मुझे नहीं पता कि मैं कैसे अभी तक ज़िंदा हूँ. मुझे तो लगता है कि कोई ईश्वरीय शक्ति है, जो मुझे इतने समय तक ज़िंदा रखे हुए हैं. पुलिस तंत्र काम नहीं कर रहा है, हम लोगों का दुख समझने वाला कोई नहीं है."
हालाँकि सीआईडी के अतिरिक्त महानिदेशक अभय उपाध्याय का कहना है कि उनकी टीम ने पूरी गंभीरता के साथ मामले की जाँच की है, लेकिन नतीजा नहीं निकल पाया है.
नवरुणा की माँ मोइत्री चक्रवर्ती का तो रो-रोकर बुरा हाल है. जब मैंने उन्हें फ़ोन किया, तो सुबकते हुए उन्होंने कहा, "आप भी दुआ कीजिए कि मेरी बेटी लौट आए. हम रात-दिन छटपटाते रहते हैं. पता नहीं हमें न्याय कब मिलेगा."
प्रशासन, पुलिस और सरकार को लेकर दोनों का ग़ुस्सा खुलकर सामने आ गया. दोनों एक साल से चल रही जाँच से संतुष्ट नहीं. अतुल्य चक्रवर्ती का तो आरोप है कि पुलिस उल्टे उन्हें ही परेशान कर रही है. वो कहते हैं, "हमारे दर्द को बिहार का प्रशासन कोई मान्यता नहीं देता. और तो और अभी तक जो जाँच हुई है, उसमें हम लोगों को ही तंग किया गया है. हम लोगों को ही प्रताड़ित किया गया मानों हमने एफ़आईआर करके कोई ग़लती की है."
उन्होंने बताया कि चार महीने ये मामला पुलिस के पास था और अब ये मामला सीआईडी के पास है. लेकिन मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है. पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ़्तार किया था. लेकिन पटना हाई कोर्ट से एक को ज़मानत मिल गई है.
नवरुणा के लापता होने के क़रीब दो महीने बाद पुलिस को उनके घर के पास से नरकंकाल मिला था. पुलिस ने इस बाबत नवरुणा के माँ-पिता के डीएनए टेस्ट की मांग की, लेकिन वे इसके लिए नहीं माने.
बीबीसी के साथ बातचीत में अतुल्य चक्रवर्ती ने कहा कि वे नहीं मानते कि वो कंकाल उनकी बेटी का था, क्योंकि पुलिस ने इस बारे में बार-बार अपना बयान बदला है. उन्होंने कहा कि पहले हड्डी का डीएनए टेस्ट हो, उसके बाद वे अपना ख़ून देंगे.

'मेरे पास हर जानकारी नहीं'

अतुल्य चक्रवर्ती
जब मैंने इस बाबत बिहार पुलिस महानिदेशक अभयानंद से इस केस की प्रगति के बारे में संपर्क किया, तो टका सा जवाब मिला. अभयानंद बोले, "हर समय मैं हर केस की जानकारी लेकर नहीं बैठता हूँ. आप एडीजी सीआईडी से बात करिए. केस की जानकारी मेरे दफ़्तर में नहीं रहती है."
"हर समय मैं हर केस की जानकारी लेकर नहीं बैठता हूँ. आप एडीजी सीआईडी से बात करिए. केस की जानकारी मेरे दफ़्तर में नहीं रहती है"
अभयानंद, बिहार पुलिस महानिदेशक
नवरुणा के पिता अतुल्य चक्रवर्ती की मानें, तो उन्होंने कई बार बिहार पुलिस महानिदेशक से संपर्क किया है, लेकिन हर बार उन्हें निराशा ही हाथ लगी है और एक साल बाद बिहार पुलिस के आक़ा का ये कहना कि उन्हें नहीं पता, ये ज़ाहिर करने के लिए काफ़ी है कि पुलिस इस मामले को लेकर कितनी संजीदा है.
अभयानंद ने इतना ज़रूर मुझे बताया कि पीड़ित के परिवार ने सीबीआई जाँच का अनुरोध किया था. सरकार शायद इसके लिए तैयार हो गई है. पहले सीआईडी जाँच कर रही थी, लेकिन उन लोगों ने सीबीआई जाँच की मांग की. तो इसकी सिफ़ारिश भेज दी गई है.
पुलिस, सीआईडी और अदालत के बीच लटके इस मामले में पुलिस नवरुणा के परिजनों को ही ज़िम्मेदार ठहरा रही है. सीआईडी के एडीजी अभय उपाध्याय कहते हैं, "सब बिंदुओं पर जाँच हुई है. लेकिन हम किसी नतीजे पर नहीं पहुँचे हैं. क्योंकि इनके बयान हर बार बदले हैं. जो रिकॉर्ड पर हैं."
लेकिन जब मैंने ये सवाल किया कि एक साल में आपकी जाँच का कोई नतीजा नहीं निकला, तो कोई आप पर भरोसा क्यों करे, इस पर उनका कहना था, "एक साल क्यों, छह महीने क्यों हुआ, छह दिन क्यों हुआ, छह घंटे क्यों हुआ. माता-पिता के पास से अगर बच्चा नहीं दिखाई दे. तो उस पीड़ा से हम इनकार कहाँ कर रहे हैं. उनकी बेचैनी जितनी है, हमें भी उतनी ही बेचैनी है. लेकिन हमारी ओर से कोई कोताही नहीं हुई है. हरसंभव प्रयास किया गया है."

हताशा

नवरुणा की वापसी के लिए प्रदर्शन
दूसरी ओर नवरुणा के माता-पिता इतने हताश हैं कि बात करते समय बार-बार उनका गला रूँध जाता है. अतुल्य चक्रवर्ती कहते हैं, "सीआईडी ख़ानापूर्ति कर रही है. मुझे कुछ पता नहीं है कि सीआईडी के कौन अधिकारी जाँच कर रहे हैं. मैं अंधकार में हूँ. हम लोग प्रशासन से कैसे लड़ेंगे, ये सोचकर हमारी आत्मा कलप जाती है. क्या मेरी बच्ची लौटेगी, ये सोचकर ही मेरी आत्मा तड़प उठती है."
दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र अभिषेक रंजन ने भी नवरुणा की सकुशल वापसी के लिए क्लिक करेंअभियान चलाया हुआ है. एक साल के दौरान कई बार उन्होंने दिल्ली में प्रदर्शन किया है, अधिकारियों और मंत्रियों के घर के चक्कर लगाए हैं और सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दाख़िल की है.
फ़ेसबुक पर सेव नवरुणा के नाम से वे अभियान चला रहे हैं, जिस पर उन्हें लोगों का अच्छा समर्थन मिला है. उन्हें अमरीका, अरब देशों और ब्रिटेन तक से लोग संपर्क करके नवरुणा के बारे में जानकारी मांगते हैं.
"आप भी दुआ कीजिए कि मेरी बेटी लौट आए. हम रात-दिन छटपटाते रहते हैं. पता नहीं हमें न्याय कब मिलेगा"
मोइत्री चक्रवर्ती, नवरुणा की माँ
लेकिन वे भी निराश हैं. बीबीसी के साथ बातचीत में उन्होंने कहा, "मुझे डर लग रहा है. नवरुणा तो अभी तक नहीं मिली, क्या नवरुणा को न्याय भी नहीं मिलेगा? लेकिन मुझे भारत की संवैधानिक संस्था पर भरोसा है, उनके माँ-बाप का भरोसा है कि उनकी बेटी ज़रूर आएगी, तो मुझे भी भरोसा है."
उनका कहना है कि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाख़िल की है, लेकिन वहाँ से लगातार तारीख़ें मिली रही हैं. अभिषेक का कहना है कि पीएमओ ने सीबीआई जाँच की सिफ़ारिश कर दी है और अगर बिहार सरकार तुरंत इसे सीबीआई को सौंप दे, तो शायद इसका नतीजा निकल पाए.
नवरुणा के माता-पिता को अब भी भरोसा है कि उनकी बेटी ज़रूर आएगी. नवरुणा की माँ कहती हैं - मुझे ऐसा लगता है कि जैसे मेरी बच्ची बोल रही है कि माँ मैं आऊँगी. उनके माता-पिता की आस कब पूरी होगी, क्या जाँच में जल्द कुछ निकल पाएगा, ये ऐसे सवाल हैं, जिनका जवाब फ़िलहाल किसी के पास नहीं.

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